आजकल देश मे कही सारे कंपनियां गाड़ियों में एलईडी लाइट्स दे रही है। लेकीन पहले के कारों में ज्यादातर हैलोजन बल्ब ही देखने को मिलते है। ऐसे में आपके दिमाग में सवाल आता होता की एलईडी लाइट्स ज्यादा फायदेमंद है या हैलोजन। तो आईए जानते है इसके बारेमे।
एलईडी लाइट्स बढ़ता जा रहा है चलन
दुनिया में अब एलईडी लाइट्स के साथ ही कारों का निर्माण किया जा रहा है। लेकीन कही कंपनियां ऐसी भी है जो अभी भी हैलोजन बल्ब का इस्तेमाल कर रहे है। लेकीन ग्राहक बादमे लोकल मार्केट में जाकर एलईडी लाइट्स लगवा लेते है।
किसमे मिलती है ज्यादा रोशनी?
अगर आप सोचते होंगे की एलईडी लाइट से अच्छी हैलोजन लाइट होती है तो आप गलत सोच रहे है। क्योंकि एलईडी सबसे ज्यादा उजाला प्रदान करती है, जीससे आपको रात में कार चलाते समय अच्छी रोशनी दिखे। इससे आपको रास्ता क्लियर दिखता है और कार भी चलाने में सुरक्षित होता है।
इतने दिनों की रहती है उम्र
बात करे उम्र की तो हैलोजन बल्ब एलईडी बल्ब के मुकाबले जल्द खराब हो जाते है। लेकीन एलईडी बहुत दिनों तक चलती रहती है और इसको फिरसे ठीक करना भी आसान हो जाता है।
बैटरी की खपत
हैलोजन बल्ब बैटरी को ज्यादा इस्तेमाल करते है, लेकिन एलईडी को कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिससे बैटरी की कम खपत होती है। ऐसे में कारों की बैटरी की लाइफ भी बढ़ जाती है और दवाब कम पड़ता है।
एलईडी लाइट लगवाने के नुकसान
एलईडी लाइट्स के नुकसान की बात करे तो यह हैलोजन लाइट्स से महेंगे होते है, जिसकी वजह से फीचर्स वाली कारो की कीमत भी बढ़ जाती है। इसके अलावा अगर आप इसको बाहर से लगवाते है तो ज्यादा खर्चा पड़ता है। लेकिन यह काफी लंबे समय तक चलते है।
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